आज सोने की दर हिंदी
सिर्फ मुंबई में ही नहीं बल्कि सोना खरीदने की ललक पूरे देश के लोगों में बढ़ रही है। कई बार मुंबई में सोने के दाम अन्य शहरों के मुकाबले कम होते हैं। सोने के दाम हम मुहैया करवा रहे हैं मुंबई में आज के सोने के दाम।
| गोल्ड प्राइस | गोल्ड प्राइस बैंगलोर में | गोल्ड प्राइस चेन्नई में | गोल्ड प्राइस दिल्ली में | गोल्ड प्राइस हैदराबाद में | गोल्ड प्राइस मुम्बई में |
|---|---|---|---|---|---|
| 22 कैरेट | 55,850 | 47,927 | 55,950 | 55,800 | 55,800 |
| 24 कैरेट | 60,920 | 52,285 | 61,020 | 60,870 | 60,870 |
अगर आप सोने में इनवेस्ट करने के बारे में सोच रहे हैं या अपने लिए सोने की ज्वैलरी खरीदना चाहते हैं, तो आपको खरीदारी से पहले आपकी जरूरत वाली सभी महत्वपूर्ण जानकारी यहां मिल सकती है। देश में 24 कैरेट और 22 कैरेट सोने के लेटेस्ट प्राइसेज देखें और एक समझदारी वाला फैसला करने के लिए इनकी तुलना करें। देश में आज सोने का दाम 24 कैरेट के लिए 60,280 रुपये और 22 कैरेट के लिए 55,210 रुपये है। सभी दामों को आज अपडेट किया गया है और ये इंडस्ट्री के स्टैंडर्ड के अनुसार हैं।
आज भारत में 24 कैरेट सोने के दाम
| ग्राम | 24कै सोने के दाम | डेली प्राइस चेंज |
|---|---|---|
1 ग्राम | ₹ 6,028 | - ₹ 19 |
8 ग्राम | ₹ 48,224 | - ₹ 152 |
10 ग्राम | ₹ 60,280 | - ₹ 190 |
100 ग्राम | ₹ 6,02,800 | - ₹ 1,900 |
भारत में प्रतिदिन सोने के भाव (15 दिन)
| तिथि | 24 कैरेट | 22 कैरेट | % चेंज |
|---|---|---|---|
20 मई 2023 | ₹ 60,280 | ₹ 55,210 | 0% |
19 मई 2023 | ₹ 60,280 | ₹ 55,210 | -0.32% |
18 मई 2023 | ₹ 60,470 | ₹ 55,390 | -0.29% |
17 मई 2023 | ₹ 60,650 | ₹ 55,550 | -0.70% |
16 मई 2023 | ₹ 61,070 | ₹ 55,940 | -0.23% |
15 मई 2023 | ₹ 61,210 | ₹ 56,070 | +0.41% |
14 मई 2023 | ₹ 60,960 | ₹ 55,840 | 0% |
13 मई 2023 | ₹ 60,960 | ₹ 55,840 | 0% |
12 मई 2023 | ₹ 60,960 | ₹ 55,840 | -1.01% |
11 मई 2023 | ₹ 61,580 | ₹ 56,410 | +0.14% |
10 मई 2023 | ₹ 61,500 | ₹ 56,330 | -0.05% |
9 मई 2023 | ₹ 61,530 | ₹ 56,360 | +0.59% |
8 मई 2023 | ₹ 61,170 | ₹ 56,030 | -0.53% |
7 मई 2023 | ₹ 61,500 | ₹ 56,330 | 0% |
6 मई 2023 | ₹ 61,500 | ₹ 56,330 | 0% |
सोने के दाम के बारे में जानें
24 कैरेट सोना
24 कैरेट सोने को सबसे शुद्ध माना जाता है। शुद्ध सोना या 24 कैरेट सोना 99.9 प्रतिशत शुद्धता का संकेत है और इसमें किसी अन्य मेटल को नहीं मिलाया जाता। 24 कैरेट सोने का इस्तेमाल सोने के सिक्के और बार को बनाने में किया जाता है। सोने के लिए अन्य विभिन्न शुद्धताएँ भी होती हैं और इन्हें 24 कैरेट की तुलना में मापा जाता है।
22 कैरेट सोना
22 कैरेट सोना ज्वैलरी मेकिंग के लिए बेहतर होता है। यह 22 पार्ट्स सोने और दो पार्ट्स सिल्वर, निकेल या कोई अन्य मेटल होता है। अन्य मेटल्स की मिक्सिंग से सोना अधिक कड़ा होता है और ज्वैलरी के लिए उपयुक्त रहता है। 22 कैरेट सोना 91.67 प्रतिशत शुद्धता का संकेत है
1. डिमांड
किसी अन्य कमोडिटी की तरह, डिमांड और सप्लाई का सोने के दाम पर बड़ा प्रभाव होता है। कम सप्लाई और अधिक डिमांड होने पर प्राइस में बढ़ोतरी होती है। इसी तरह सोने की अधिक सप्लाई और स्थिर या कमजोर डिमांड से प्राइस गिर सकता है। आमतौर पर, भारत में सोने की डिमांड त्योहार और विवाह के सीजंस में बढ़ जाती है।
2. इन्फ्लेशन
इन्फ्लेशन अधिक होने पर करेंसी की वैल्यू घट जाती है ऐसी स्थिति में, लोग धन को सोने में रखना पसंद कर सकते हैं। इससे सोने के दाम में बढ़ोतरी होती है। सोना एक प्रकार से इनफ्लेशन के खिलाफ हेज का काम करता है।
3. इंटरेस्ट रेट्स
सोने और इंटरेस्ट रेट्स का विपरीत जुड़ाव होता है। इंटरेस्ट रेट्स के बढ़ने पर लोग अधिक इंटरेस्ट हासिल करने के लिए सोने को बेचना पसंद करते हैं। इसी तरह, इंटरेस्ट रेट्स गिरने पर अधिक सोना खरीदा जा सकता है, जिससे डिमांड बढ़ती है। प्राइस गिर सकता है। आमतौर पर, भारत में सोने की डिमांड त्योहार और विवाह के सीजंस में बढ़ जाती है।
4. मॉनसून
भारत में सोने की डिमांड का बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों से आता है। यह डिमांड आमतौर पर अच्छे मॉनसून और बंपर फसल से मिलने वाले फायदे के बाद बढ़ जाती है।
5. सरकारी रिजर्व
बहुत सी सरकारों के पास फाइनेंशियल रिजर्व होते हैं जिनमें सोने की बड़ी हिस्सेदारी रखी जाती है। भारत में भी ऐसी ही स्थिति है। हालांकि, अगर यह रिजर्व सरकार की ओर से बेचे गए सोने की तुलना में बढ़ जाता है तो सोने के दाम में कम सप्लाई के कारण बढ़ोतरी होती है। भारत में इस रिजर्व को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया बरकरार रखता है।
6. करेंसी में उतार-चढ़ाव्व
इंटरनेशनल मार्केट में सोने का ट्रेड डॉलर में होता है। इम्पोर्ट के दौरान, डॉलर को भारतीय रुपये में कन्वर्ट किया जाता है। इससे सोने के दाम में बदलाव होता है। आमतौर पर, अगर भारतीय रुपया कमजोर होता है तो सोने का आयात महंगा हो जाता है।
7. अन्य एसेट्स के साथ जुड़ाव
सोने का सभी प्रमुख एसेट्स के साथ कम या नकारात्मक जुड़ाव होता है। इस वजह से पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइ करने के लिए इसे बेहतर माना जाता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोने से पोर्टफोलियो को वोलैटिलिटी से सुरक्षा मिलती है क्योंकि अन्य एसेट्स पर प्रभाव डालने वाले कारणों का सोने के दाम पर अधिक प्रभाव नही होता।
8. भू-राजनीतिक कारण
युद्ध जैसे भू-राजनीतिक कारणों से सोने की डिमांड बढ़ जाती है क्योंकि इसे फंड रखने के लिए सुरक्षित माना जाता है। ऐसी स्थिति होने पर अधिकतर एसेट्स के प्राइसेज पर नकारात्मक प्रभाव बोता है। हालांकि, सोने के दाम के लिए यह स्थिति सकारात्मक होती है।
9. ऑक्ट्रॉय चार्ज और एंट्री टैक्स
ऑक्ट्रॉय चार्ज और एंट्री टैक्स राज्यों में टैक्स अथॉरिटीज अपने अधिकार क्षेत्र में गुड्स के आने पर लगाती हैं। ऑक्ट्रॉय एक शहर में गुड्स के पहुंचने पर लगता है, जबकि एंट्री टैक्स एक राज्य में गुड्स के पहुंचने पर लगाया जाता है। इसके अलावा अगर सोने की वैल्यू 30 लाख रुपये से अधिक है तो वेल्थ टैक्स लगाया जाता है।।
10. मेकिंग चार्ज
मेकिंग चार्ज आमतौर पर सोने की ज्वैलरी पर लगता है और यह डिजाइन और शहर के साथ ही प्रत्येक ज्वैलर के लिए अलग हो सकता है।
Bye.....
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